CBSE छात्रों के लिए बहुत बड़ी खुश खबरी निकल के आ रही है। सीबीएसई अपने अगले सत्र यानि 2022 – 2023 से वापिस से अपने पुराने एग्जाम पैटर्न को लागु करने जा रहा है । इसका मतलब है के अब साल मैं बस एक बार ही आपकी परीक्षा होगी । आपको बता दे के covid के चलते CBSE ने बोर्ड की परीक्षाओ को साल मैं दो बार ( term 1 & term 2 ) आयोजित करने का निर्णय लिया था ।
क्यों विवादों मैं था साल मैं दो बार एग्जाम करवाने वाला पैटर्न ?
आपको बता दे की सीबीएसई ने जबसे साल मैं दो बार परीक्षा आयोजित करवाने का प्रस्ताव पास किया है तबसे से उसका ये निर्णय विवादों मैं बना हुआ है । सीबीएसई ने टर्म 1 की परीक्षा को MCQ फॉर्मेट मैं लेने का निर्णय लिया था और टर्म 2 को सब्जेक्टिव । ये बात किसी को समझ नहीं आयी के सीबीएसई ने ऐसा क्यों किया की आधा सिलेबस MCQ पैटर्न पर और आधा सिलेबस subjective पैटर्न । छात्रों और टीचर्स दोनों को बहुत परेशानी हुई इस बदले हुए स्वरुप मैं बोर्ड exams की तैयारी करवाने मैं ।
टर्म 1 मैं जहा छात्रों को लगभग 5 महीने का समय दिया गया था वही टर्म 2 मैं सिर्फ 3 महीने का समय दिया गया जबकि टर्म 2 subjective पैटर्न पर लिया जाना है जिसमे छात्रों को writing practice के लिए पर्याप्त समय चाहिए होता है । पूरे साल पढाई ऑनलाइन माध्यम से होने के बाद साल मैं दो बार बोर्ड की परीक्षाओ का आयोजन होना किसी को समझ नहीं आ रहा था , टीचर्स , छात्र , अभिभावक सब सीबीएसई के इस फैसले से नाखुश दिख रहे थे ।
टर्म 1 की गलतियों ने CBSE की पोल खोल दी
जबसे टर्म 1 की परीक्षा आयोजित होना चालू हुई थी उसी दिन से वो विवादों मैं आना चालू हो गयी थी । सीबीएसई के question papers मैं बहुत जगह गड़बड़ी थी उसके द्वारा भेजी गयी official answer key मैं भी बहुत मिस्टेक्स थी । रही सही कसर स्कूल वालो ने पूरी करदी । टर्म 1 मैं कुछ schools मैं चीटिंग करवाने की शिकायत सामने आयी जिसके चतले टर्म 1 मैं बहुत सारे छात्रों के साथ भेद भाव हो गया । हालांकि सीबीएसई ने इस मुद्दे पर अपना बयान जारी करते हुए बोला था की ऐसी परेशानियों से निपटने के लिए उसके पास पुख्ता mechanism है , पर ये mechanism कैसे काम करेगा इसके बारे मैं CBSE ने कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराई है ।
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पुराने Exam Pattern को लाने के फायदे
सबसे बड़ा फायदा तो ये है की अब सीबीएसई को दो बार परीक्षाओ को आयोजित करवाने मैं लगने वाले infrastructure के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा और इस से टीचर्स भी अच्छे तरीके से अपने सिलेबस को कम्पलीट करवाने के ऊपर ध्यान दे सकेंगे । छात्र भी अब बिना कोई जल्दीबाजी किये अपने सिलेबस के टॉपिक्स को अच्छे से समझ व प्रैक्टिस कर सकेंगे । आपको बता दे के सीबीएसई ने भले ही बोर्ड एग्जाम को पुराने पैटर्न पर लेने का निर्णय लिया है पर उसने सिलेबस मैं कोरोना काल मैं की गयी कटौती ( 30%) को अगले सत्र के लिए भी जारी रखा है । इस से छात्रों को निश्चित रूप से थोड़ी राहत जरूर मिलेगी ।